tag:blogger.com,1999:blog-6678034031483832983.post4003250657071417873..comments2023-08-11T19:57:02.814+05:30Comments on जिंदगी के रंग: विवेक... . (लघुकथा)Sushil Bakliwalhttp://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6678034031483832983.post-42569094226127908112011-01-03T12:25:56.672+05:302011-01-03T12:25:56.672+05:30विवेक ही कहा जायेगा यह।विवेक ही कहा जायेगा यह।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6678034031483832983.post-34909323776212632562011-01-02T21:18:56.476+05:302011-01-02T21:18:56.476+05:30सुन्दर प्रेरक बोध कथा के लिए आभार.
सादर,
डोरोथी.सुन्दर प्रेरक बोध कथा के लिए आभार.<br />सादर, <br />डोरोथी.Dorothyhttps://www.blogger.com/profile/03405807532345500228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6678034031483832983.post-7493005280114653202011-01-02T19:31:31.636+05:302011-01-02T19:31:31.636+05:30एक नहीं दो सुक्तियां का सामां इस लेख मे है !एक नहीं दो सुक्तियां का सामां इस लेख मे है !JAGDISH BALIhttps://www.blogger.com/profile/12672029642353990072noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6678034031483832983.post-69640060784009078082011-01-02T18:16:43.631+05:302011-01-02T18:16:43.631+05:30सुन्दर प्रेरक बोध कथा। आपको सपरिवार नये साल की हार...सुन्दर प्रेरक बोध कथा। आपको सपरिवार नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6678034031483832983.post-10184129352592995982011-01-02T14:43:13.185+05:302011-01-02T14:43:13.185+05:30आपने सही लिखा है। बुनियादी बातों का ज्ञान ही वास्व...आपने सही लिखा है। बुनियादी बातों का ज्ञान ही वास्विक ज्ञान है। आपका यह कथात्मक-लेख बहुत अच्छा है। विचारणीय है। <br />बधाई स्वीकारें! नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6678034031483832983.post-59052678938624550792011-01-02T13:15:05.298+05:302011-01-02T13:15:05.298+05:30असाधारण मात्रा में साधारण ज्ञान की मौजूदगी ही विवे...असाधारण मात्रा में साधारण ज्ञान की मौजूदगी ही विवेक कहलाती है ।"<br />बहुत ही अच्छी और प्रेरक बात, कथानक से कही गयी है। हमारा विवेक ही हमें उन्नति के शिखर पर ले जाता है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.com