शनिवार, 23 अगस्त 2014

गीत एक – अर्थ अनेक...



      मनोरंजन के लिये बनने वाली हमारी हिन्दी फिल्मों में कोई गीत ऐसा भी बन जाता है जो जीवन के विभिन्न अवसरों के अलग-अलग अर्थों में सटीक फिट बैठता है । व्हाट्सअप के प्रसार से प्राप्त इस गीत की बानगी जीवन के विभिन्न पडावों के अनुसार देखिये-

पहले 15 वर्ष की उम्र तक-
नैनों में सपना...

16 से 25 वर्ष की उम्र तक-
सपनों में सजना...

25 से 35 वर्ष की उम्र तक-
सजना पे दिल आ गया...

35 से 45 वर्ष की उम्र तक-
क्यूँ सजना पे दिल आ गया ???

45 वर्ष के बाद-
ता थैया, ता थैया हो.....

 

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ऐतिहासिक शख्सियत...

पागी            फोटो में दिखाई देने वाला जो वृद्ध गड़रिया है    वास्तव में ये एक विलक्षण प्रतिभा का जानकार रहा है जिसे उपनाम मिला था...