सोमवार, 30 दिसंबर 2019

फिल्मी दुनिया का तिलिस्म...!


       वक़्त फ़िल्म का एक डायलॉग- "चाय की प्याली हाथ में उठा कर मुंह तक तक ले जाते-जाते कई बार बरसों बीत जाते हैं, पोटली रुपयों से भरी हो पर इंसान कभी-कभी भीख मांगने पर मजबूर हो जाता है" । फिल्मी दुनिया में ऐसे कारनामे अक्सर होते रहते हैं, इनमें एक क़िस्सा एक मशहूर घर का भी है, जो अपने आप में इतिहास है !


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       मेरठ से आया एक नौजवान जब बैजू बावरा में- 'तू गंगा की मौज, मैं जमुना की धारा' गीत अपने लहराते बालों से गाता है तो फ़िल्मी दुनिया में तहलका मच जाता है और वो रातों-रात स्टार बन जाता है, बात हो रही है भारत भूषण की । भारत भूषण जब बुलंदियो पर थे, तो जुहू बीच पर उन्होंने एक बंगला खरीदा, सामने समंदर की लहरें और हवाएं..!

       सब कुछ सही चल रहा था, तब भारत भूषण ने फिल्मों को प्रोड्यूस करने का सोचा, बरसात की रात जैसी सुपर हिट फ़िल्म भी बनाई, फिर अगली दो-चार फिल्में नहीं चली और उनके सितारे गर्दिश में आ गए, घाटा हुआ तो क़र्ज़ों के बोझ तले आ गए, अपनी जमा पूंजी बेच कर क़र्ज़े चुकाए जाने लगे, जिसमें ये बंगला भी था..!

       उन दिनों एक और स्टार तेज़ी से उभर रहा था राजेन्द्र कुमार ! तो ये बंगला भारत भूषण से इन्होंने 25 हज़ार रुपये में खरीद लिया, और उस बंगले का नाम 'डिंपल" रखा, जो उनकी बेटी का ही नाम है, बंगले में आने के बाद राजेन्द्र कुमार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते ही गए..! फिर राजेन्द्र कुमार का भी सितारा मद्धम हुआ, क्योंकि एक और बड़ा स्टार फ़िल्मी दुनिया में छा चुका था, नाम था.. राजेश खन्ना । उन्हें ये बंगला बड़ा पसंद था, पर राजेन्द्र कुमार उसे बेचने के मूड में नहीं थे ! लेकिन एक दिन अचानक राजेन्द्र कुमार को पैसों की ज़रूरत आन पड़ी.. उन्होंने राजेश खन्ना को एप्रोच किया, लेकिन कीमत इतनीं मांगी कि राजेश खन्ना जैसे स्टार को भी देने में मुश्किल आयी, कीमत थी 10 लाख रुपये..!

       राजेश खन्ना उन दिनों बड़े स्टार ज़रूर थे, लेकिन मेहनताना इतना नहीं मिलता था कि एक साथ इतना पेमेंट कर सकें, राजेश खन्ना को ये बंगला हाथ से निकलता नज़र आया, तभी एक और दिलचस्प वाक़या हुआ... दक्षिण के एक बड़े फ़िल्म प्रोड्यूसर चिनप्पा देवर हिंदी में एक फ़िल्म राजेश खन्ना को लेकर बनाना चाह रहे थे ।

       राजेश खन्ना बहुत व्यस्त थे इसलिए वो इसे करने में आनाकानी कर रहे थे, और चिनप्पा देवर लगातार एप्रोच कर रहे थे तब राजेश खन्ना ने उन्हें टरकाने कें लिये भारी-भरकम फीस मांग ली,  जो थी 10 लाख रुपये । चिनप्पा देवर हैरान थे क्योंकि उस समय कोई भी बड़ा एक्टर 2-3 लाख ही लिया करता था, और राजेश खन्ना ने एक साथ 10 लाख मांगे और साथ में ये भी कह दिया कि सारे पैसे एडवांस ही चाहिए, क्योंकि मुझे एक बंगला खरीदना है..!

       चिनप्पा देवर ने सारी बात जानी तो उन्होंने एक साथ 10 लाख रुपये राजेश खन्ना को थमा दिये और फ़िल्म शुरू हुई जो सुपर हिट साबित हुई । फ़िल्म थी  'हाथी मेरे साथी'...! अब राजेश खन्ना इस बंगले के मालिक थे उन्होंने इस बंगले का नाम रखा "आशीर्वाद" । लेकिन ये बंगला राजेश खन्ना को ज्यादा फला नहीं, इसे खरीदने के बाद दो-तीन सालों में ही राजेश खन्ना का कैरियर नीचे आता गया, शादी हुई इसी बंगले में लेकिन वो भी ज्यादा सफल नहीं रही, जिसका नतीजा राजेश खन्ना और डिंपल कापडिया के बीच अलहदगी के रुप में सामने आया ।

       राजेश खन्ना इस बंगले में आने के बाद फिर कभी उस ऊंचाई तक नहीं पहुंच सके जहां वो पहले थे । धीरे-धीरे वो भी गुमनाम होते गए और आख़िर में मरने के बाद अपनी वसीयत में ये बंगला जब वो अपनी बेटियों के नाम कर गए तो उन्होंने इसे बेच दिया और आधा-आधा पैसा बांट लिया । आशीर्वाद बंगला बिका 150 करोड़ रुपये में ।
       
       और आखिर में भारत भूषण ? जिनका ये बंगला था.. वो अपने जीवन के आख़िरी सफ़र तक एक झोपड़पट्टी में ही रहे और बसों  में सफर करते रहे, वो बस उस बंगले से गुज़रते और देखा करते जो कभी उनका अपना था । वक़्त आख़िर इसे ही तो कहते है..!

फिल्मजगत का सर्वश्रेष्ठ दादा साहेब फाल्के अवार्ड लेकर अमिताभ बच्चन अपने परिवार सहित दिल्ली से मुम्बई जाते प्रसन्न मुद्रा में...


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और अब देखिये 84 वर्षीय धर्मेन्द्र व 77 वर्षीय आशा पारेख को अपनी पुरानी यादों को मंच पर जिंदादिली से साझा करते हुए...



रविवार, 29 दिसंबर 2019

तू चीज बडी है मस्त...


                                           

दूर से देखा तो बडे ही सुहाने मन्जर थे,
पास पहुंचे तो देखा सारे खेत ब॑जर थे !

हम उनके पास से भी प्यासे लौटे,
जिनकी आ॑खो मे सदा प्यार के समन्दर थे !

मासूम चेहरो मे जब भी झा॑क कर देखा,
कितने ही शैतान दिखे जो उनके अन्दर थे !
खुशी-खुशी उनके पहलू मे जा बैठे,
जिनके हाथो में कई खूनी ख॑जर थे !

वक्त की मार से बच सका है कौन भला,
मिल गये धूल मे जो कल तक सिकन्दर थे !
                                  अज्ञात...


कातिलाना नोकझोंक देखें इनकी शायरी में...


शुक्रवार, 27 दिसंबर 2019

बेमेल ईश्क...!

 लेडी टीचर : लोफर और ऑफर में क्या अंतर है ?
स्टूडेंट : very simple mam, यदि  "I Love You लड़का बोले तो लोफर और लड़की बोले तो ऑफ़र.

लेडी टीचर : सोच और वहम में क्या फर्क है ?
स्टूडेंट:- आप मस्त आइटम हैं, ये हमारी सोच है, और हम अभी बच्चे हैं ये आपका वहम है ।


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लेडी टीचर : अगर दुनिया में लड़कियां नहीं हो तो क्या होगा ?
स्टूडेंट : कॉलेज़ वीरान, गलियां सुनसान, दुनियां परेशान, तन्हा इंसान, ना जानू - ना जान, हर तरफ बस "जय हनुमान" ।



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और इनका अंदाज...


बुधवार, 25 दिसंबर 2019

वैवाहिक जीवन




        एक शादीशुदा जोड़ा बाग में टहल रहा था। अचानक एक बड़ा सा कुत्ता उनकी तरफ झपटा, दोनों को ही लगा कि ये उन्हें काट लेगा। बचने का कोई रास्ता न देख पति ने तुरंत अपनी पत्नी को गोद में ऊपर तक उठा लिया,  जिससे कि कुत्ता यदि काटे तो उसे काटे उसकी पत्नी को नहीं ।


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       कुत्ता बिलकुल नज़दीक आकर रुकाकुछ देर तो भौंका और फिर पीछे की तरफ भाग गया। पति ने चैन की सांस ली और इस उम्मीद में पत्नी को गोद से उतारा कि पत्नी उसे गले लगाएगी ।

       तभी उसकी तमाम उम्मीदों पर पानी फेरते हुए उसकी बीवी चिल्लाई 
"मैंने आज तक लोगों को कुत्ते को भगाने के लिए पत्थर या डंडा फेंकते तो देखा थापर ऐसा आदमी पहली बार देख रही हूँ जो कुत्ते को भगाने के लिए अपनी बीवी को फेंकने के लिये तैयार था ।"



ये महाराज जी तो पहले ही सलाह दे चुके थे...



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     मेरे पति सुबह से शोर मचा रहे है कि उनके 5,000/- रु. चोरी हो गए,
   जबकि मैं चार बार गिन चुकी हूँ सिर्फ 4,000/- रु. ही हैं !
झूठे कहीं के...


मंगलवार, 24 दिसंबर 2019

आश्चर्यजनक तथ्य भारतीय रेल के...



       
       1. भारतीय रेल जम्मू-कश्मीर में चेनाब नदी पर दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल का निर्माण कर रही है, जिसकी ऊंचाई कुतुब मीनार से करीब पांच गुना अधिक होगी साथ ही यह पुल पेरिस की शान एफिल टावर से भी ऊंचा होगा

      2. लोको पायलट यानि ट्रेन ड्राइवर की तनख्वाह आम तौर पर एक सॉफ्टवेयर इन्जीनियर से अधिक होती है, यह करीब एक लाख रुपए महीने तक हो सकती है, कभी-कभी इससे अधिक भी ।

      3. भारतीय रेल के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि लोको-पायलट ट्रेन की कमान छोड़कर भाग गया हो, जी हां अगर सामने मृत्यु भी खड़ी हो तो भी भारतीय रेल के ड्राइवर कमान नहीं छोड़ते ।

      4. भारतीय रेल की वेबसाइट पर एक मिनट में करीब 12 लाख हिट्स होते हैं
IRCTC.com  पर घंटे भर में जो ट्रैफिक आता है, उतना तो देश के कई नामी वेबसाइट्स साल भर में नहीं जुटा पाते ।

       5.  सबसे धीमी गति से चलने वाली ट्रेन की रफ्तार 10 किलोमीटर प्रति घंटे की है । मेट्टूपलायम ऊटी-नीलगिरी पैसेन्जर ट्रेन इतनी रफ्तार से दौड़ती है कि आप चलती ट्रेन से नीचे उतर सकते हैं व थोड़ी चहलकदमी करने के बाद मर्जी हो तो ट्रेन पर फिर से सवारी भी कर सकते हैं, अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए ।

       6. समूचि पृथ्वी की कुल लम्बाई से भी 1.5 गुना अधिक भारतीय रेल की पटरियां हैं ।

       7. भारतीय रेल के अस्तित्व में आने के 50 साल बाद वर्ष 1909 में ट्रेन के डिब्बों में टॉयलेट की व्यवस्था अखिलचन्द्र सेन नामक व्यक्ति के रेलवे को इस बाबद पत्र लिखने के बाद की गई थी ।

       8. भारतीय रेल के शुरूआती दिनों में ट्रेन के डिब्बों को कारशेड तक ले जाने के लिए हाथियों की मदद ली जाती थी ।

       9. भारत में सबसे लम्बे रेलस्टेशन का नाम श्रीवेन्कटनरसिम्हाराजवारीपेटा है।

       10. सबसे छोटे स्टेशन का नाम है IB” यह स्टेशन उड़ीसा में है ।

       11. भारतीय रेल देश के जिस सबसे लंबे सुरंग से गुजरती है वह जम्मू-कश्मीर की पीरपांजल रेल सुरंग कहलाती है जिसकी लम्बाई 11.215 किलोमीटर है ।

       12. सबसे अधिक लेट-लतीफ ट्रेन गुवाहाटी-त्रिवेन्द्रम एक्सप्रेस आमतौर पर 10 से 12 घंटे लेट होती है ।

       13. देश में सबसे लम्बी दूरी तय करने वाली ट्रेन का नाम है विवेक एक्सप्रेस यह असम के डिब्रूगढ को सुदूर दक्षिण में स्थित कन्याकुमारी से जोड़ती है । इसकी कुल दूरी 4273 किलोमीटर है ।

       14. सबसे कम दूरी नागपुर और अजनी स्टेशनों के बीच की है जो सिर्फ तीन किलोमीटर ही है ।

       15. त्रिवेन्द्रम – हजरत निजामुद्दीन राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन 928 किलोमीटर की दूरी बिना रुके तय करती है ।

       16. लखनऊ देश का सबसे व्यस्त रेलवे जंक्शन है, यहां 64 ट्रेनें तशरीफ लाती व ले जाती हैं ।

       17. भारतीय रेल प्रतिदिन 11 हजार ट्रेनें चलाती है ।

       18. भारतीय रेल में प्रतिदिन 2.5 करोड़ से भी अधिक यात्री सफर करते हैं और यह संख्या आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और तस्मानिया की कुल आबादी के बराबर है ।

       19. दिल्ली का रेल म्यूजियम एशिया का सबसे बड़ा म्यूजियम है यहां आपको अलग-अलग मॉडल देखने को मिल सकते हैं । रेल प्रेमियों को यहाँ नायाब जानकारियां मिल सकती हैं ।

       20. नवापुर देश का एक मात्र ऐसा रेल्वे स्टेशन है, जो आधा महाराष्ट्र में और आधा गुजरात मे आता है ।

Sourse : WhatsApp.

देखिये रेलों की यह अजब जोडी...



सोमवार, 23 दिसंबर 2019

बैरंग न हो जाएं कभी - जिन्दगी के ये रंग...



       हम सभी के जीवन में कभी अकस्मात कुछ परिस्थितियां ऐसी भी बन जाती है, जब हमें तत्काल किसी अपने की,  विशेष सुरक्षा की या कानूनी मदद की आवश्यकता आ पडती है । किंतु सामान्य तौर पर उस वक्त हम न सिर्फ अकेले होते हैंबल्कि इस स्थिति में भी नहीं होते जहाँ किसी अपने या अनजान राहगीरों से मदद मांग सकें, और तब कई बार हमारी जिन्दगी वहीं बैरंग होकर रह जाती है ।

      और तब ऐसी ही विकट परिस्थितियों में कई बार हमारे बुजुर्ग परिजन ह्रदयाघात के शिकार होकर मौत के मुँह में पहुँच जाते हैं, हमारे घर की युवा बहु-बेटियाँ निर्भया कांड जैसे वीभत्स हादसों की शिकार हो त्रासद मौत के आगोश में चली जाती हैं व खनिक जैसे कार्य करने वाले युवा साथी भी विपरीत परिस्थितियों में कभी भूगर्भ की गहराई मेंकिसी भूस्खलन, गैस चेम्बर व इस जैसी आपात स्थिति या किसी भी  स़डक दुर्घटना में समय पर मदद न पहुँच पाने के कारण त्रासद स्थितियों में काल के गाल में समा जाते हैं ।

       ऐसी सभी स्थितियां जिनमें अब तक हमने अपने अनेक मित्र, परिचित व परिजनों को उलझते व कभी दुनिया से रुखसत होते भी देखा है, इनसे बचाव के लिये अब इसका उपाय मात्र 2090/- रु. के इस सुविधाजनक उपकरण Optisafe माय हीरो  के रुप में हमारे समक्ष मौजूद है । आकार में राईटिंग पेन से भी छोटे व हल्के से मोटे आकार का यह ऐसा उपकरण है जिसे हम अपने पेंट के बेल्ट-होल्डर, जेब, गले, लेडिज पर्स अथवा की-चैन जैसे किसी भी ऐसी सुविधाजनक जगह लगा या रख सकते हैं जहाँ आवश्यकता पडते ही सिर्फ इसे खींचकर हम तत्काल आपात मदद ले सकें ।

        माय हीरो के रुप में उपलब्ध इस उपकरण की मुख्य विशेषताओं में हम तेज ध्वनि के द्वारा अपने आसपास मौजूद लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के साथ ही बगैर किसी को फोन लगायें अपनी तात्कालिक लोकेशन सहित अपने मुख्य  परिजनों व पुलिस कंट्रोल रुम तक को तत्काल अपने संकटकाल में होने की सूचना पहुँचा सकते हैं । अपनी इन्हीं विशेषताओं के कारण यदि हम पर कोई आक्रमणकारी हमला कर रहा हो या हम स्वास्थ्य संबंधित परेशानी में आ गये हों अथवा किसी भी प्रकार की दुर्घटना में उलझ गये हों तो तत्काल यह Optisafe माय हीरो उपकरण हमारी कीमती जान व धन की सुरक्षा करने में किसी देवदूत के समान मदद उपलब्ध करवा सकता है ।

       इसके परिचय व उपयोगिता को आप इस दो मिनिट के छोटे से वीडिओ में देखकर भी समझ सकते हैं-


       अपने परिवार में मौजूद किसी भी बुजुर्ग अथवा अपनी युवा बहन,  बेटी या बहू की आकस्मिक सुरक्षा हेतु यदि आप इस  Optisafe  माय हीरो उपकरण को मंगवाना चाहें  तो आपकी सुविधा के लिये हम यहाँ इसकी आसान उपलब्धि  इस लिंक के द्वारा My Hero – Optisafe प्रस्तुत कर रहे हैं ।  इस लिंक को क्लिक करके आप न सिर्फ इसके बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि यहीं से इसका आर्डर भेजकर इसे घर बैठे मंगवा भी सकते हैं ।
       किसी भी संकटकालीन समय में अपनी व अपने परिजनों के जान व माल की सम्पूर्ण सुरक्षा हेतु आज ही यह महत्वपूर्ण उपकरण Optisafe MyBuddy  माय हीरो  को शीघ्र आर्डर भेजकर अपने परिवार का महत्वपूर्ण सदस्य अवश्य बनाएं व सभी के लिये सडक-सुरक्षा के प्रति निश्चिंत हो जाएँ । 



रविवार, 22 दिसंबर 2019

अजूबे जगन्नाथ मंदिर पुरी (उडीसा) के...

 


पुराणों में वर्णित धरती के बैकुंठ के रुप में प्रचलित इस मंदिर में दिखेंगे ये 8 अजूबे...
1. मन्दिर के ऊपर झंडा हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराते हुए दिखता है ।
2. पुरी में किसी भी जगह से आप मन्दिर के ऊपर लगे सुदर्शन चक्र को देखें, तो वह आपको सामने ही लगा दिखेगा।
3. सामान्य दिनों में हवा समुद्र से जमीन की तरफ आती है और शाम के दौरान इसके विपरीत, लेकिन जगन्नाथ मंदिर पुरी में इसका उल्टा  होता है.
4. पक्षी या विमान कभी मंदिर के ऊपर उड़ते हुए नहीं दिखेंगे ।
5. मुख्य गुंबद की छाया दिन के किसी भी समय अदृश्य ही रहती है ।
6. मंदिर के अंदर पकाने के लिए भोजन की मात्रा पूरे वर्ष के लिए  रहती है ।  प्रसाद की कोई भी मात्रा कभी व्यर्थ नहीं जाती, चाहे कुछ हजार लोगों से लगाकर 10-20 लाख लोग तक भोजन क्यों न करलें ।
7. मंदिर में रसोई (प्रसाद) पकाने के लिए 7 बर्तन एक दूसरे पर रखे जाते हैं और लकड़ी पर पकाया जाता है । इस प्रक्रिया में उपर के शीर्ष बर्तन की सामग्री पहले पकती है फिर क्रमश: नीचे की तरफ  एक के बाद एक पकते जाती है ।
8. मन्दिर के सिंहद्वार में पहला कदम  प्रवेश करने पर (मंदिर के अंदर से) आप सागर द्वारा निर्मित कोई ध्वनि नहीं सुन सकते । आप (मंदिर के बाहर से) एक भी कदम पार करें तब आप इसे सुन सकते हैं । इस अजूबे को शाम के समय स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है ।

इसके साथ ही यह भी जानें-
इस मन्दिर का रसोई घर दुनिया का सबसे बड़ा रसोइ घर है।
नित्य सांयकाल मन्दिर के ऊपर लगी ध्वजा को इंसान द्वारा उल्टा चढ़ कर बदला जाता है ।
मन्दिर का क्षेत्रफल चार लाख वर्ग फिट में है ।
मन्दिर की ऊंचाई 214 फिट है।
विशाल रसोईघर में भगवान जगन्नाथ को चढ़ाने वाले महाप्रसाद को बनाने में 500 रसोईये एवं 300 उनके सहयोगी काम करते है ।

Source : WhatsApp.   
Image : Google.


अब इन दादा का ये अजूबा भी देखिये...


शनिवार, 21 दिसंबर 2019

प्याज का जलवा...!


       जब भगवान सारी सब्जियों को उनके गुण व सुगंध बांट रहे थे तब प्याज उदास हो पीछे खड़ी रही । सब चले गए पर प्याज नहीं गई, वहीँ खड़ी रही । तब विष्णुजी ने पूछा-  "क्या हुआ तुम क्यों नही जाती ?"

       प्याज तब रोते हुए बोली- "आपने सबको सुगंध और सुंदरता जैसे गुण दिए पर मुझे दुर्गंध दी । जो भी मुझे खाएगा उसके मुँह से बदबू भी आएगी । मेरे साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों ?"
       भगवान को प्याज पर दया आई, वे बोले- "मैं तुम्हे अपने शुभचिन्ह देता हूँ । यदि तुम्हें खड़ा काटा गया तो तुम्हारा रूप शंखाकार होगा और यदि आड़ा काटा गया तो चक्र का रूप होगा । यही नहीं सारी सब्जियों को तुम्हें साथ लेना होगा तभी वे स्वादिष्ट लगेंगी और तुम्हें काटने पर लोगों के वैसे ही आंसू निकलेंगे जैसे आज तुम्हारे निकले हैं और अंत में जब-जब धरती पर मंहगाई बढ़ेगी तब तुम सबको रुलाओगी ।

और दोस्तों... भगवान के घर देर है,  अंधेर नही.


देख लो अब तो इसने फिटनेस-क्लब भी ज्वॉईन कर लिया है-

अब इससे ज्यादा और इसका सौभाग्य क्या हो सकता है ?








रविवार, 8 दिसंबर 2019

मनोविनोद मोबाईल के...


        पति अपने दोस्तों के साथ गोआ गया और 15 दिन तक नहीं लौटा ! फेसबुक पर उनके दोस्तों के साथ किसी महिला का चित्र देखकर पत्नी ने उसे मोबाईल पर मैसेज किया-

        "जो कुछ तुम अपने दोस्तों के साथ वहाँ पैसे से खरीदने की कोशिश करते दिख रहे हो, वो यहाँ मैं दान भी कर सकती हूँ" !

         मैसेज देखते ही पति रात को ही घर लौट आया !  

  
  








मातमपुर्सी का माहौल...



ऐतिहासिक शख्सियत...

पागी            फोटो में दिखाई देने वाला जो वृद्ध गड़रिया है    वास्तव में ये एक विलक्षण प्रतिभा का जानकार रहा है जिसे उपनाम मिला था...