मंगलवार, 31 मई 2016

हास्य-उर्जा 1


           पत्नी ने सुबह उठते ही अपने पति को पंखे से रस्सी बांधतेदेखा,  तो घबराकर पूछा, "यह आप क्या कर रहे हो जी...?"
.
          पति ने दुखी स्वर में कहा, "मैं तेरी रोज़-रोज़ की नए कपड़े दिलाने की फरमाइशों से तंग आ गया हूं, इसलिए खुदकुशी करने जा रहा हूं..."

           पत्नी ने दहाड़ें मार-मारकर रोना शुरू कर दिया, और बोली, "एक सफेद सूट तो दिलवा दो, वरना तेरहवीं पर क्या पहनूंगी...?"




          पत्नी  ICU  में थी..
          पति का रो-रोकर बुरा हाल था डॉक्टर बोला ‘हम पूरी कोशिश कर रहे  हैं, पर वह कुछ बोल ही नहीं रही है, शायद कोमा में है, अब तो सब कुछ भगवान के ही हाथ में है.
           पति बोला~ सिर्फ 40 की ही तो है अभी...
           तभी एक चमत्कार दिखा..
           ECG और धड़कन बड़ने लगी,  पत्नी की उंगली हिली,  होंठ हिले और आवाज आई - "38 की हूँ"

 

           पति - मुझे अजीब सी बीमारी हुई है मेरी बीवी जब बोलती है तो मुझे सुनाई नहीं देता.
           हकीम - माशाल्लाह ये बीमारी नहीं ये तुम पर खुदा की रहमत हुई है ।
 

शिक्षक:
           1.  उसने बर्तन धोये
           2.  उसे बर्तन धोने पड़े
           इन दोनों वाक्यों में क्या फर्क है ?
           छात्र:  पहले वाक्य में कर्ता अविवाहित है और दूसरे वाक्य में कर्ता विवाहित है.
           सुनकर मास्टर साहब की आँखों में आँसू के रेले बहने लगे ।



        एक दिन – निम्बु, केला और नारियल तीनों साथ में बैठे अपनी-अपनी कहानी सुना रहे थे !

           1.  निम्बु - लोग बड़ी बेरहमी से मुझे बीच में से काटते हैं और पूरी तरह से निचोड़ लेते हैं !

           2.   केला -  ये तो कुछ भी नहीं, बेशर्म मुझे तो नंगा कर के खा जाते हैं !


          3.   नारियल - अपनी आपबीती सुनाते हुए, ये तो कुछ भी नहीं भाईयो,  साले कमीने मुझे इतना जोर से पत्थर पर मारते हैं कि, मेरी सुसु निकल जाती है और ये उसे भी गिलास में ले के पी जाते हैं....!



            कजूंस सिंधी ने मिठाई की दुकान खोली, अखबार में विज्ञापन दिया - हेल्पर चाहिये.

            योग्यता - डायबिटीज़ अनिवार्य.



 दिल से पढें- 

जीवन में आने वाली हर चूनौती को स्वीकार करें ।......
अपनी पसंद की चीजों के लिये खर्चा कीजिये।......
इतना हंसिये के पेट दर्द हो जाये।....

आप कितना भी बूरा नाचते हो ,
फिर भी नाचिये।......
उस खूशी को महसूस कीजिये।......
फोटोज् के लिये पागलों वाली पोज् दीजिये।......
बिलकुल छोटे बच्चे बन जाइये ।

क्योंकि मृत्यु जिंदगी का सबसे बड़ा लॉस नहीं है।
लॉस तो वो है
के जिंदा होकर भी आपके अंदर जिंदगी जीने की आस खत्म हो चुकी है।.....

हर पल को खूशी से जीने को ही जिंदगी कहते है।
"जिंदगी है छोटी,पर" हर पल में खुश हूँ "काम में खुश हूं,"आराम में खुश हूँ ,

"आज पनीर नहीं," दाल में ही खुश हूं,
"आज गाड़ी नहीं," पैदल ही खुश हूं,

"दोस्तों का साथ नहीं," अकेला ही खुश हूं,
"आज कोई नाराज है," उसके इस अंदाज से ही खुश हूं,

"जिस को देख नहीं सकता," उसकी आवाज से ही खुश हूं,
"जिसको पा नहीं सकता," उसको सोच कर ही खुश हूं,

"बीता हुआ कल जा चुका है," उसकी मीठी याद में ही खुश हूं,
"आने वाले कल का पता नहीं," इंतजार में ही खुश हूं,

"हंसता हुआ बीत रहा है पल," आज में ही खुश हूं,
"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूं,


Be Happy Always
 

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ऐतिहासिक शख्सियत...

पागी            फोटो में दिखाई देने वाला जो वृद्ध गड़रिया है    वास्तव में ये एक विलक्षण प्रतिभा का जानकार रहा है जिसे उपनाम मिला था...