मैं रूठा, तुम भी रूठ गए, फिर मनाएगा कौन ?
आज दरार है, कल खाई होगी, फिर भरेगा कौन ?
आज दरार है, कल खाई होगी, फिर भरेगा कौन ?
मैं चुप, तुम भी चुप, इस चुप्पी को फिर तोड़ेगा कौन ?
बात छोटी को लगा लोगे दिल से, तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?
दु:खी मैं भी और तुम भी बिछड़कर, सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?
न मैं राजी, न तुम राजी, फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ?
डूब जाएगा यादों में दिल कभी, तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?
एक अहम् मेरे, एक तेरे भीतर भी, इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?
ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?
फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ?
मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन एक ने आँखें,
तो कल इस बात पर फिर पछतायेगा कौन ?
अपनी गृहस्थी को कुछ इस तरह बचा लिया
कभी आँखें दिखा दी कभी सर झुका लिया
आपसी नाराज़गी को लम्बा चलने ही न दिया
कभी वो हंस पड़े कभी मैं मुस्करा दिया
रूठ कर बैठे रहने से घर भला कहाँ चलते हैं
कभी उन्होंने गुदगुदा दिया कभी मैंने मना लिया
खाने पीने पे विवाद कभी होने ही न दिया
कभी गरम खा ली कभी बासी से काम चला लिया
मियां हो या बीबी, महत्व में तो कोई कम नहीं
कभी खुद डॉन बन गए, कभी उन्हें बॉस बना दिया.
For : All the lovely Couples..
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