शनिवार, 25 जून 2016

गौरवशाली इन्दौर...




            भारत के नक्शे पर कई शहर अपनी विशेष पहचान के कारण ही जाने जाते हैं, उन्हीं में यदि रानी अहिल्याबाई व सर सेठ हुकमचंद जैसी ऐतिहासिक शख्सियतों से जुडे इन्दौर शहर की बात की जावे तो चाहे यह शहर बम्बई, दिल्ली, कलकत्ता, मद्रास जैसे देश के महानगरों सा आकार नहीं रखता हो किंतु इसकी ऐतिहासिकता के साथ ही ऐसी अनेक विशेषतायें इस शहर के साथ शुरु से जुडी रही हैं जो इसे देश के नक्शे में एक विशिष्ट स्थान दिलवाते हुए इसकी पहचान को हमेशा से एक विशेष दर्जा सदैव दिलवाती रही हैं । 

            देश के सात राज्यों से सीधे जुडे मध्यप्रदेश के भी लगभग मध्य में राज्य की औद्योगिक व व्यापारिक राजधानी का दर्जा रखने के कारण अन्य प्रांतों से आकर बसने वाली आबादी का सर्वोच्च भार वहन करने वाले इस शहर की खासियतों का यदि जिक्र करना प्रारम्भ किया जावे तो वास्तव में लेख की लम्बाई तो बढती ही चली जाएगी किंतु यहाँ की विशेष पहचान के क्रम समाप्त होते नहीं दिखेंगे । फिर भी इस क्रम में यह जानने की कोशिश करते हैं कि वे कौन-कौनसी प्रमुख विशेषताएँ हैं जो इस शहर को इसकी खासियतों के आधार पर इसे अन्यों से कुछ अलग दिखला सकने का कारण बनती हैं-

           
महान क्रिकेट खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने अपने वनडे करियर की एकमात्र सेंचुरी इंदौर के नेहरू स्टेडियम में लगाई ।

            इन्दौर स्थित सैन्य छावनी MHOW (Military Headquarters Of War) देश की मुख्य सैन्य छावनियों में शामिल है ।

            जानकारी के अनुसार इन्दौर का नामकरण इन्द्रेश्वर मंदिर के नाम पर हुआ था, शुरूआत में यह "इन्दूर" था,जो आगे चलकर "इन्दौर" कहलाया ।

           
इन्दौर देश का एकमात्र शहर है जहाँ पर IIM एवं IIT दोनों है ।

           इन्दौर में एशिया की सबसे बड़ी रिहायशी कॉलोनी सुदामा नगर है ।

            देश के पहले निजी रेडियो चैनल "रेडियो मिर्ची" ने अपने प्रसारण की शुरुआत इन्दौर से की थी ।

            स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर, फिल्म स्टार सलमान खान, क्रिकेट खिलाड़ी राहुल द्रविड़ और परम पूज्यनीय योग गुरु श्री मनीष शर्मा की जन्मभूमि भी इन्दौर है ।

            पूर्व में इन्दौर को  "म.प्र.का डेट्रॉयट"  नाम से नवाजा जा चुका है ।

         इंदौर देश का एकमात्र ऐसा शहर है जहां 100 कि.मी. की रेंज में दो ज्योतिर्लिंग हैं-  1. ओंकारेश्वर  और  2. महाकालेश्वर ।

            इन्दौर स्थित आर आर कैट देश की मुख्य प्रयोगशालाओं में एक है । यहां एक्सलरेटर, क्रायोजेनिक्स सहित कई महत्वपूर्ण शोध हो रहे हैं ।

            टेस्ट क्रिकेट में एक टेस्ट में   सर्वाधिक विकेट लेने का  कीर्तिमान इंदौर के नरेन्द्र हिरवानी और बाब मैसी (आस्ट्रेलिया) के नाम पर संयुक्त रूप से दर्ज है । 
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            किसी महिला प्रत्याशी द्वारा एक ही लोकसभा सीट से एक ही पार्टी के टिकट पर सर्वाधिक बार चुनाव जीतने का कीर्तिमान इन्दौर की सांसद और वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन के नाम पर दर्ज ।

            विकास के शुरुआती वर्षों में इन्दौर "कपड़ा मिलों का शहर" के नाम से प्रसिद्ध था लेकिन अब ये सभी मिलें बंद हो चुकी है ।

           
इन्दौर स्वाद के शौकीनों का शहर है । इसे "स्वाद की राजधानी" के रूप मे जाना जाता है ।

           
यहाँ पर एशिया के सबसे बड़े गणपति विराजमान हैं (बड़ा गणपति)

           
यहाँ पर संपूर्ण कांच से निर्मित मंदिर है । जहां पर छत, दिवार से लेकर फर्श भी कांच की है और ये सारे कांच  विदेशों से मंगाए गए थे ।

           
यहीं पर ही वीरेंद्र सहवाग ने 200 रन बनाये थे ।

           
यहीं के एक विधायक के नाम सबसे ज्यादा मतों से जितने का रिकार्ड है ।

           
यहीं की एक बेटी पलक मुछाल ने गाने गाकर सबसे ज्यादा हार्ट सर्जरी करवाई और यह क्रम अभी तक भी सतत जारी है ।

           
यहीं का एक ट्रैफिक पुलिस आज दुनिया का सबसे पसंदीदा ट्रैफिक पुलिस है । जिसे काम करते सभी देखना चाहते है । रणजीत सिंह ।

           
यहाँ पर स्थित दवा बाजार एशिया का सबसे बड़ा दवा बाजार है ।

           
यहीं पर एक ऐसा पर्वत है जहां पर पितरों की याद में पोधे लगाये जाते है । पितृ पर्वत ।

           
यही वो शहर है जहां मूक बधिरों की सेवा के लिए सबसे अच्छा स्कूल और ट्रेनिग कैंप है ।

           
यही वो शहर है जहाँ के एक व्यापारी सर सेठ हुकुमचंदजी (कॉटन किंग) की तस्वीर आज भी लंदन कॉटन एक्सचेंज में मुख्य द्वार पर लगी है ।

           
यहीं पर सर सेठ हुकुम चंद जी द्वारा स्वर्ण से निर्मित रथ है जो दुनिया में कही नहीं है और वो केवल महावीर जयंती पर ही निकलता है ।

           
मोबाईल कंपनी एयर टेल ने अपनी मोबाइल सेवा की शुरुवात  सर्व प्रथम इंदौर से ही की थी ।
 
            अनंत चतुर्दशी पर रात भर चलने वाले विशाल चल समारोह और रंगपंचमी पर दिन भर रंगों से सरोबार हुडदंगीयों की विशाल सामूहिक गेर जिनके फिल्मांकन के लिये राजश्री प्रॉडक्शन जैसी नामी-गिरामी फिल्म प्रोड्यूसर संस्थाएँ विशेष आयोजन रखती हैं वह भी इसी इन्दौर शहर की विशिष्ट पहचान रही है ।

बुधवार, 8 जून 2016

एक जमाना था...


            दादी माँ बनाती थी रोटी, पहली गाय की और आखरी कुत्ते की,  हर सुबह नन्दी आ जाता था,  दरवाज़े पर - गुड़ की  डली के लिए ।

            कबूतर का चुग्गा,  चीटियों का आटा, शनिवार, अमावस, पूर्णिमा का सीधा । सरसों का तेल गली में,  काली कुतिया के ब्याने पर, गुड़ चने का प्रसाद,  सभी कुछ  निकल जाता था । वो भी उस घर से, जिसमें भोग विलास के नाम पर एक टेबल फैन भी न होता था ।

            आज सामान से भरे घरों में - कुछ भी नहीं निकलता ! सिवाय लड़ने की कर्कश आवाजों के, या फिर टी वी की आवाजें...

             तब मकान चाहे कच्चे थे, लेकिन रिश्ते सारे सच्चे थे ।

            चारपाई पर  बैठते थे, दिल में प्रेम से रहते थे । सोफे और डबल बैड क्या आ गए ?  दूरियां हमारी बढा गए ।

            छतों पर. सब सोते थे, बात बतंगड खूब होते थे, आंगन में वृक्ष थे, सांझे सबके सुख दुख थे ।

            दरवाजा खुला रहता था, राही भी आ बैठता था, कौवे छत पर कांवते थे, मेहमान भी आते जाते थे ।

            एक साइकिल ही पास था, फिर भी मेल जोल का वास था, रिश्ते सभी निभाते थे, रूठते भी थे और मनाते भी थे ।

            पैसा चाहे कम था, फिर भी माथे पे कोई गम ना था, कान चाहे कच्चे थे, पर रिश्ते सारे सच्चे थे !

             अब शायद सब कुछ पा लिया है, पर लगता है कि बहुत कुछ गंवा दिया है...

शुक्रवार, 3 जून 2016

कॉलेज स्टुडेंट्स के लिये रतन टाटा के 10 महत्वपूर्ण सबक...


              1.  जीवन उतार-चढ़ाव से भरा है, इसकी आदत बना लो.

             
            2.  लोग तुम्हारे स्वाभिमान की परवाह कभी नहीं करते,  इसलिए पहले खुद को  साबित करके दिखाओ.

          
             3.  कॉलेज की पढ़ाई पूरी करते ही मोटे वेतन के बारे में मत सोचो, एक रात में कोई वाइस-प्रेसिडेंट नहीं बनता, इसके लिए अपार मेहनत पड़ती है.

              
            4.  अभी आपको अपने शिक्षक सख्त और डरावने लगते होंगे, क्योंकि अभी तक आपका अपने जीवन में बॉस नामक प्राणी से पाला नहीं पड़ा.

             
            5.  तुम्हारी गलती सिर्फ तुम्हारी है, तुम्हारी पराजय सिर्फ तुम्हारी है, किसी को दोष मत दो, उस गलती से सीखो और आगे बढ़ो.

             
            6.  तुम्हारे माता पिता तुम्हारे जन्म से पहले इतने निरस और ऊबाऊ नही थे, जितना तुम्हें अभी लग रहा है, तुम्हारे पालन पोषण करने में उन्होंने इतना कष्ट उठाया कि उनका स्वभाव बदल गया.

              
            7.  सांत्वना पुरस्कार सिर्फ स्कूल में  देखने को मिलते है, कुछ स्कूलों में तो पास होने तक भी परीक्षा दी जा सकती है, लेकिन बाहर की दुनिया के नियम अलग हैं, वहां हारने वाले को अलग से कोई मौका नहीं मिलता.

              
            8.  जीवन के स्कूल में कक्षाएं और वर्ग नहीं होते और वहां महीने भर की छुट्टी भी नहीं मिलती, आपको सिखाने के लिए कोई समय नहीं देता, यह सब आपको खुद करना होता है.

              
            9.  TV का जीवन सही नहीं होता और जीवन TV के सीरियल नहीं होते, सही जीवन में आराम नहीं होता सिर्फ और सिर्फ काम होता है.

         
            10. लगातार पढ़ाई करने वाले और कड़ी मेहनत करने वाले अपने मित्रों को कभी मत चिढ़ाओ, वर्ना एक समय ऐसा आ सकता है कि तुम्हें उनके नीचे काम करना पड़े.

ऐतिहासिक शख्सियत...

पागी            फोटो में दिखाई देने वाला जो वृद्ध गड़रिया है    वास्तव में ये एक विलक्षण प्रतिभा का जानकार रहा है जिसे उपनाम मिला था...