मंगलवार, 21 जनवरी 2020

जीवन का फंडा...


      15-16 वर्ष की उम्र के एक बालक से उसके पिता ने एक पुराना कपड़ा दिखाते हुए उसकी कीमत पूछी, बच्चे ने अंदाज से उसकी कीमत 100/-रु बताई । ठीक है, अब तुम इसे 200/-रु. में बेचकर दिखाओ, कहते हुए उसके पिता ने वो कपडा उस बच्चे को दे दिया । उस बालक ने तब उस कपड़े को व्यवस्थित रुप से साफ़ कर अच्छी तरह से तह करके रखा और अगले दिन उसे लेकर वह रेलवे स्टेशन गया, जहां कई घंटों की मेहनत के बाद वह कपड़ा दो सौ रु में उसने बेच दिया ।


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      कुछ दिन बाद उसके पिता ने फिर उसे वैसा ही दूसरा कपड़ा दिया और अब उसे 500/-रु में बेचने को कहा । तब उस बालक ने अपने एक पेंटर दोस्त की मदद से उस कपड़े को रंगवाकर उस पर सुन्दर चित्र बनवाया और एक गुलज़ार बाजार में उसे बेचने के लिए पहुंच गया । एक व्यक्ति ने वह कपड़ा 500/-रु में खरीदने के साथ ही उसे 100/-रु ईनाम भी दिया ।

       जब बच्चा वापस आया तो उसके पिता ने फिर एक कपड़ा हाथ में दे दिया और उसे दो हज़ार रु में बेचने को कहा । इस बार उस बच्चे को पता था कि इस कपड़े की इतनी ज्यादा कीमत कैसे मिल सकती है । उसके शहर में  फिल्म की शूटिंग के लिए एक नामी कलाकार आई थीं । वह बच्चा जुगत भिडाकर उस कलाकार के पास पहुंच गया और उसी कपड़े पर उनके ऑटोग्राफ ले आया । उसके बाद उस बालक ने उस कपड़े की बोली लगाई । बोली दो हज़ार रु. से शुरू हुई और एक कद्रदान ने वह कपड़ा 9000/-रु में खरीद लिया ।

       रकम लेकर वह बच्चा जब घर पहुंचा तो खुशी से पिता की आंखों में आंसू आ गए । उन्होंने तब अपने बेटे से पूछा कि इतने दिनों में इन कपड़ों को बेचते हुए तुमने क्या सीखा ? तब बच्चा बोला -  पहले खुद को समझो, अपनी क्षमता को पहचानो और फिर पूरे मनोयोग से मन्ज़िल की और बढ़ जाओ, क्योकि जहां चाह होती है, वहाँ राह भी निकल ही आती है ।'

       पिता बोले कि तुम बिलकुल सही हो, मगर मेरा उद्देश्य तुम्हें यह समझाना भी था कि कपड़ा मैला होने पर इसकी कीमत बढ़ाने के लिए उसे धो कर साफ़ करना पड़ा, फिर और ज्यादा कीमत तब मिली जब एक पेंटर ने उस पर अपना हुनर चस्पा कर दिया और उससे भी ज्यादा कीमत मिली जब एक नामी कलाकार ने उस पर अपने नाम की मोहर लगा दी ।

      तो विचार करें कि कोई भी वो काम जिसमें हमारी रुचि है या वो जो हम कर रहे हैं उसे कैसे इतना उपयोगी बनाएं कि उससे सम्बन्धित व्यक्ति हमें अपने उस काम के एवज में ज्यादा से ज्यादा कीमत प्रसन्नतापूर्वक दे सके । निश्चय ही यदि इस दिशा में ईमानदार प्रयास हमारे द्वारा किया जा सके तो यह बिल्कुल सम्भव है । 

और अब इस नन्हे कलाकार से भी मिल लें...

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पागी            फोटो में दिखाई देने वाला जो वृद्ध गड़रिया है    वास्तव में ये एक विलक्षण प्रतिभा का जानकार रहा है जिसे उपनाम मिला था...